हर कोई जीवन को बेहतर बनाने के लिये दौड़ रहा है परन्तु उसी अनमोल जीवन को जीने का किसी के पास भी वक्त नहीं है| आज के वक्त में यह अन्धी भागमभाग तभी रुकती है जब सांसें रुक जाती हैं , क्यों नहीं हम थोड़ा थम जाते? क्यों नहीं इस सुन्दर जीवन को महसूस करते क्योंकि हम में से कोई इसे खोना नहीं चाहता पर हम इसको जी भी तो नहीं रहे|पता नहीं क्या पाने की होड़ लगी है जो हर कोई सोचता है कि कहीं आगे हमारा इन्तजार कर रहा है किन्तु एक -एक पल मिल कर ही तो एक सम्पूर्ण जीवन का निर्माण करता है |इस हर एक पल को तो हम हर पल बस यूँ ही खोते जा रहे हैं| क्यों न हर पल को निचोड़ कर जिन्दगी को भरपूर जियें, एक कोशिश तो करें थोड़ा सा धीमा होकर पल पल से एक जीवन चुराने की|साथ मिल कर ये शुरुआत करते हैं मैं और आप सभी .... एक नई शुरुआत
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें