रिटायरमेंट के बाद कैसे हो एक नई शुरुआत

इन्सान अपना पूरा जीवन नौकरी को देता है और अपने आप के लिये कुछ पल भी चुरा नहीं पाता है, घर -बच्चे और जिम्मेदारियां कुछ सोचने का मौका ही नहीं देतीं और पता नहीं कब जीवन की सांझ होने को आ जाती है और बहुत कुछ कहीं अधूरा सा ही रह जाता है, कुछ सपने, कुछ ख्वाहिशें और पता नहीं क्या कुछ|गृहस्थी और जिम्मेदारियों के बीच खुद के लिये कुछ पल भी नहीं मिलते| अनमने से मन से इन्सान यह मान कर बैठ जाता है कि यही तो है जीवन और अब, अब तो वक्त निकल गया|कभी जो कुछ सोचा था और जो कुछ भी जीवन में करना चाहा था सब का सब मन में ही धरा का धरा रह गया| लेकिन क्या सच में अब वक्त नहीं है अपने सपनों का, अपने मन की करने का|खुद से पुछो तो जरा ये सवाल कि क्या मैं फिर से बच्चा नहीं बन सकता? क्या दिन भर में कुछ पल खुद के लिये नहीं जी सकता? क्या अपने जीवन साथी के साथ हाथ में हाथ डालकर कहीं पार्क या सिनेमा में घुमने नहीं जा सकता? और यदि इन सभी सवालों के जवाब हां में आते हैं तो सही दिशा में है मन तुम्हारा |ये सब कर सकते हो तुम और जी सकते हो उन पलों को जो जीवन की भाग दौड़ में रह गये| जरा सोचो तो फिर से बच्चा बनना कितना प्यारा है, बहुत सुन्दर सा अहसास और अभी ही तो वो वक्त आया है जो तुम्हारा है सिर्फ तुम्हारा| कोई दफ्तर का जरुरी काम नहीं और कोई समय का बन्धन भी नहीं, बस तुम स्वछन्द सिर्फ तुम| यह सुनहरा समय है सेवानिवृत्ति के बाद का समय जो जीवन में एक नई ऊर्जा लेकर आ सकता है यदि तुम ठान लो तो| इस समय को बेमन से स्वीकार करने के बजाय खुशी से इसका स्वागत करना है क्योंकि यही तो समय है नई शुरुआत करने का, अपने लिये जीने का| अपने हर सपने को पूरा करने का समय| रिटायरमेंट के बाद एक नई शुरुआत करने  और जीवन को भरपूर जीने के लिये कुछ आसान तरीके आप के साथ सांझा करने जा रही हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि ये कुछ हद तक मददगार होंगे:-1) 
क अच्छी दिनचर्या की शुरुआत:-  उम्रभर नौकरी में रहते हुए खुद को समय देना बहुत मुश्किल होता है कोई लाख कोशिश करे फिर भी कुछ न कुछ छूट ही जाता है लेकिन अब तो समय का कोई अभाव नहीं है इसलिए एक अच्छी दिनचर्या बनाई जा सकती है, खुद के साथ अच्छा समय बिताया जा सकता है। खुद को याद दिलाएं की आप क्या-क्या करना चाहते थे कैसे जीना चाहते थे और बस फिर एक अच्छी सी योजना के साथ शुरुआत करे। 
2) खुद को स्वस्थ रखने के लिए योग और व्यायाम:- सभी कुछ तभी संभव है यदि हम स्वस्थ हैं इसलिए खुद को स्वस्थ रखने के लिए सुबह आधे से एक घंटे का समय निकालकर योग और व्यायाम जरूर करें इस से आप स्वयं को तरोताज़ा और बिलकुल स्वस्थ महसूस करेंगे।                                                                   
3) ध्यान अवश्य करें :-   योग एवं  व्यायाम के साथ-साथ सुबह की दिनचर्या में ध्यान को भी शामिल करना चहिये। ध्यान करने से आप स्वयं के साथ थोड़ा सा समय व्यतीत करते हो, जागरूकता और एकाग्रता से जीना सीखते हो और ये सब आपको ऊर्जावान बनाता है। आप अधिक स्फूर्ति से भर जाते हो जो की एक आशीर्वाद स्वरुप है।          4) सुबह के नाश्ते का सही समय   :- नौकरी में रहते हुए नाश्ता करने का एक सही समय कभी नहीं बन पाया और भागम भाग में कभी बिना खाये ही दौड़ पड़े परन्तु यही समय है की आप अपने सुबह के नाश्ते का एक सही समय निश्चित कर सकते हो जो की आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है।                   
 5) बच्चों को पढ़ाना :- दिन को या शाम के समय घर और आस पास के बच्चों को पढ़ा सकते हैं यदि आपको बच्चों के साथ समय बिताना पसंद है और पढ़ाने में भी रूचि है। इस से आपका मन प्रसन्न रहेगा और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी।                                                                    
 6) अपनी रूचि का कोई काम करना :-  सेवानिवृति के बाद अपनी रूचि के उन कार्यों को करने के लिए समय अवश्य निकालें जो आप हमेशा करना चाहते थे पर कभी समय नहीं निकाल पाए जैसे किताबें पढ़ना, बागवानी करना, तैराकी का शौक, घूमना -फिरना, खेल इत्यादि। अपनी रूचि के सभी काम करने से आप भीतर से खुश होते हैं और आपके पुरे व्यक्तित्व पर इसका प्रभाव पड़ता है।                                   
7)  ब्लॉग लिखना  :- कुछ लोगों की लिखने पढ़ने में बहुत रूचि होती है, इसलिए ब्लॉग की शुरुआत करके अपना शौक पूरा करने के साथ-साथ कुछ पैसा भी कमाया जा सकता है।           
8) यात्राएं करना   :-बहुत से लोग घूमने के बहुत शौक़ीन होते हैं तो वो अपने जीवन साथी के साथ अलग-अलग स्थानों पर यात्रा कर सकते हैं और नए अनुभव हासिल किये जा सकते है।                                                             9) व्यापार करना :-कुछ लोग सेवानिवृति के पश्चात खाली नहीं बैठना चाहते उन मैं काम करने की बहुत चाह होती है तो वो कोई भी व्यापार शुरू कर अपने समय का सदुपयोग करने के साथ- साथ अच्छा पैसा भी कमा सकते है।   10) आध्यात्मिकता को अपनाना :- जीवन में आध्यात्म बहुत महत्वपूर्ण है कोई भी जीवन इसके बिना अधूरा है इसलिए आध्यात्म में मन लगाकर स्वयं के जीवन का तात्पर्य समझना चहिये। स्वयं को समझना और खुद के साथ वक्त बिताना बहुत आवश्यक है।                                                     
11) सामाजिक कार्यों में योगदान :- जीवन भर इंसान समाज से बहुत कुछ हासिल करता है इसलिए अब यह समय समाज को लौटाने का समय होता है। विभिन सामाजिक कार्यों में भागीदारी करके अपने समय का सदुपयोग किया जा सकता है और साथ ही समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा किया जा सकता है                                          12) पति-पत्नि एक दूसरे के साथ समय बितायें :- उम्र भर पति-पत्नी जिम्मेदारियों के चलते एक दूसरे को चाह कर भी समय नहीं दे पाते हैं इसलिए अब ये सही समय है एक दूसरे को समय देने का |                                 

                              ये थे कुछ सुुुझाव और तरीके जो शायद मददगार साबित होंगे|

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