छोटा सा ये सपना मेरा प्यारा सा हो घर अपना मेरा ,हम जिस में झूमें हम जिस में गायें न्यारा सा हो घरोंदा मेरा
जिस की दीवारें प्यार की बनी हों और छत्त जिसकी अपनों के रंग में ढली हो हर एक पल को जी भर के जी लें , जी भर के हंस लें जी भर के रो लें
कोई भी हसरत बाकी रहे न तमन्नाओं का एक नया जहाँ हो फूलों के जैसे खिल के रहें हम झोंको के जैसे बहते रहें हम
बादल के जैसे झूमें गगन में बारिश के जैसे घूमें चमन में रिश्तों का एक प्यारा जहाँ हो ,खिलखिलाहटों का आसमान हो ,
हर एक कदम पर साज नया हो , गीतों की माला सा अंदाज नया हो होली के रंगों सा रंगीन मौसम , इंद्रधनुष सी छट्टा हो बिखरी ,
शब्दों की जरुरत न हो भावों को , आँखों से पढ़ लें अफसाना दिल का दिल ही कलम हो दिल ही हो कागज़ , हम प्यार से लिख दें नज़राना दिल का ,
ख़ुशी हो या गम हो मिलकर सहें हम , कैसा भी वक़्त हो खिलकर रहें हम , ऐसे न अनमोल लम्हें हम खोएं , हर एक पल को सुख से संजोयें
छोटा सा ये सपना मेरा प्यारा सा हो घर अपना मेरा ,हम जिस में झूमें हम जिस में गायें न्यारा सा हो घरोंदा मेरा
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